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किसने कहा कि आर्य विदेशी हैं?

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हम तीन नाम पर विचार करते हैं – 1) बाल गंगाधर तिलक 2) जवाहर लाल नेहरू 3) राहुल सांस्कृत्यायन तीनों के तीनों ब्राह्मण 1) बाल गंगाधर तिलक – महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण थे। पेशवा के उतराधिकारी। आज भी ये दक्षिणपंथ के महापुरुष और प्रेरणा स्रोत हैं। इन्होनें कभी कहा था कि तेली-तमोली विधान मंडलों में जाकर क्या करेंगें, हल चलायेंगें। इन्होनें द आर्कटिक होम इन वेदाज मे लिखा कि भई आर्य तो भारत के हैं नहीं। इसके लिये उन्होनें वेद का प्रमाण दिया। उन्होने कहां कि वेद ऐसी जगह पर लिखा गया है जहां छ: महीने दिन और छ: महीने रात होती है। ऐसी जगह पूरे विश्व में कहीं है तो उतरी ध्रुव है। आर्य वहीं से भारत आये। 2) जवाहर लाल नेहरू – मूलत: कश्मीरी पंडित थे। इनके पापा इलाहाबाद में बस गये तो ये यूपी वाला हो गये। बाद में ये सवर्ण सामंत -जमिंदारों के ‘क्लब ‘कांग्रेस का नेतृत्व किया। इन्होनें डिस्कवरी ऑफ इंडिया लिखी। उसमें इन्होनें बखान किया कि कैसे आर्य भारत में आये और किसी तरह गैर आर्यों को परास्त कर अपना आधिपत्य स्थापित किया। इन्होनें आर्यों की कुटिलता, सम्राज्यवाद, हिंसक आचरण को खूब बढ़ा चढ़ा कर लिखा।

बलात्कार, प्रेम र पुलिङ्गी सत्ता

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राजेन्द्र महर्जन पुँजीवादी विकास र समृद्धिको धुनको पछि कुदयौँ भने नेपालका गाउँ–सहर पनि यौन अपराधका केन्द्रीय बजारमा रूपान्तरित हुँदै जाने खतरा बढ्नेछ । काठमाडौँ — यतिबेलातिम्रो योनिमा हाम्फालेरसारा लाजहरूले गरेका छन्, आत्महत्यार स्थापित भएको छ मात्र पाँच इन्चको बर्बर वस्तुको सत्ता जहाँ आफ्नै छोरीमाथि घोप्टिएर तृप्त भएको बाउ हरिया दाँत ङिच्याएर गरिरहन्छ यो फोहोरी सत्ताको पहरेदारी – सरिता तिवारी/हे देवी ! ‘बाँदरले कहिल्यै बलात्कार गर्दैन । भाले बाँदरले पोथी बाँदर महिनावारी भएको गन्धबाट थाहा पाउँछ । उसले उमेर पुगेपछि र बच्चा जन्माउने क्षमता विकास भएपछि मात्रै यौनसम्पर्क गर्छ ।’ नेपालमा अहिले दैनिक कम्तीमा तीन महिला बलात्कृत हुने गरेको दुरवस्थाबीच बाँदर–विज्ञ डा. मुकेश चालिसेको भनाइ सुन्दा मनमा प्रश्न उठेको छ : भाले बाँदरले समेत नगर्ने अपराध पुलिंगी मानिसले किन गर्छ ? भाले मानिसले भाले बाँदरले भन्दा कम ‘थाहा’ पाएर हो कि स्त्री लिंगीमाथि ‘पुलिंगी सत्ता’ लाद्ने मनसाय प्रभावशाली भएर हो ? बलात्कारका अनेक खबर सुनेर पुलिंगी मानवहरूले साँच्चै लाज माने कि मानेनन्, आफ्नो पुंसत्व/पु