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Showing posts from September, 2017

मधेश सवालमा अनौपचारिक वहस (१० सेप्टेम्बर, २०१७)

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संयोगवस तुला नारायण साह, उज्वल प्रसाइ, कासिन्द्र यादव र राज रजक अनौपचारिक रुपमा भेटघाट हुने अवसर जुर्यो । हामी चारै जना समसमायिक मधेश सवालमा करिब दुई घण्टा जति छलफल भयो । दुई घण्टाको वसाईमा विभिन्न विषय उपर खुला भएर अधिकारिक संवाद भयो जस्तो लाग्छ । संवादमा मधेशवाद, मधेशको सन्दर्भमा माक्र्सवाद, बहुजन चेतना, वजारवाद, उपयोगितावाद र जातव्यवस्थाको वारेमा गहिरो छलफल भयो । नेपाली राजनीतिको वृहत तस्वीर, ऐतिहासिक विकासक्रम र मधेशको सवाल र आन्दोलनलाई आलोचनात्मक रुपमा विश्लेषण गर्ने काम भयो । सवै जनाले आ–आफ्नो विचार, दृष्टिकोण मधेशलाई केन्द्रि विषय बनाएर राख्नु भयो । मधेशि समाज असंगठित छ । जातिय, वर्गिय, लैङ्गिक विभेद छ । औपनिवेशिकताको शिकार छ । परम्परागत मधेश नेतृत्व मधेशको मुद्यलाई तार्किक निशकर्षमा पुर्याउन सकेन । मुल कारण आन्तरिक रुपमा अल्पजनवाट विभेदित र वाह«य रुपमा नेपाली राज्यसत्ताको विभेदपूर्ण शासन ब्यवस्था नै हो । माक्र्सवादको आधारभुत शास्त्रीय दृष्टिकोण हिन्दु समाजको मुल अन्तरविरोधलाई पक्रन सेकेको छैन् । मधेशको सन्दर्भमा समाजको मुल अन्तरविरोध जातिय हो भने कुरामा अवधारणागत बुझाईमा

साहब कांशी राम और 'दलित' शब्द का सवाल?

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सतविंदर मदारा (S atvendar Madara) आज पूरे भारत और यहाँ तक कि विश्वभर में 'दलित' शब्द के इस्तेमाल को लेकर समाज, विशेषकर, बहुजन समाज सहमति-असहमति की दो रायों के बीच बंट गया है. जहाँ एक ओर ब्राह्मणवादी मीडिया और समाज इसे बढ़ा-चढ़ा कर इस्तेमाल कर रहा है, वहीं ST, SC, OBC की मूलनिवासी बहुजन  जातियाँ  भी इस विषय पर बंटी हुईं हैं। एक तरफ तो इन मूलनिवासी जातियों ने 'दलित' शब्द को SC(अनुसूचित जातियाँ) की एक अलग पहचान के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, वहीं एक तरफ इनमें ऐसे लोग भी हैं, जो इस शब्द को एक ब्राह्मणवादी साजिश समझते हैं और इसे SC की जातियों के लिये प्रयोग करने को, उनके लिये बहुत घातक समझते हुये इसे पुरे ST, SC और OBC की एकता के लिये एक बहुत बड़ा खतरा भी मानते हैं। अगर हम 'दलित' शब्द के अर्थ को जानने की कोशिश करें, तो मुख्य तौर पर इसका मतलब है - 'टूटा हुआ', लेकिन अगर इसे भारत की SC जातियों के सन्दर्भ में देखें, तो इसका मतलब- तोड़े गये, गिराए गये, मांगने वाले, शोषित, गरीब, वंचित आदि बनता है। आधुनिक भारत में 'सामाजिक क्रांति' के पितामह कहे